Saturday, July 30, 2016

तुम तो अपने आप मे ही गुम रहते हो/ वसीम बरेलवी


तुम तो अपने आप मे ही गुम रहते हो 

तुमसे किसी का प्यार न समझा जायेगा


कितना दुश्वार है दुनिया ये हुनर आना भी
 
तुझी से फ़ासला रखना तुझे अपनाना भी...

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ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल ऩही,
 
तेरा होना भी नही और तेरा कहलाना भी..

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