देखें क़रीब से भी तो अच्छा दिखाई दे
इक आदमी तो शहर में ऐसा दिखाई दे
अब भीक मांगने के तरीक़े बदल गए
दुनिया को इक चिराग़ तो जलता दिखाई दे
दिल में तेरे ख़याल की बनती है एक धनक[3]
सूरज-सा आइने से गुज़रता दिखाई दे
चल ज़िंदगी की जोत जगाएं, अजब नहीं
लाशों के दरमियां कोई रस्ता दिखाई दे
हर शै मेरे बदन की ज़फ़र क़त्ल हो चुकी
एक दर्द की किरन है कि ज़िंदा दिखाई दे
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